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हमारे गांव में हमारा क्या है! पर साहित्य अनुशीलन मंच की परिचर्चा गोष्ठी, दिनांक 06/10/2019

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साहित्य अनुशीलन की "हमारे गांव में हमारा क्या है!" पर परिचर्चा मुजफ्फरनगर। साहित्य अनुशीलन मंच (SAM) की प्रथम पुस्तक परिचर्चा गोष्ठी अमित धर्मसिंह के चर्चित काव्य संग्रह "हमारे गांव में हमारा क्या है!" पर कमल क्लासेस, प्रकाश चौक पर संपन्न हुई। गोष्ठी में जनपद के वरिष्ठ साहित्यकारों ने संग्रह की बड़ी सारगर्भित समीक्षाएं प्रस्तुत कीं।           नेमपाल प्रजापति ने कहा कि " वे सारी संवेदनाएं, अनुभूतियां और भाव जो कवि ने इस पुस्तक में उकेरें हैं वे सब उसी के गांव के वातावरण, रहन - सहन, स्थिति और परिस्थितियों की ही देन हैं।  खेत, ट्यूबवेल, लाला की दुकान, फैक्ट्री, चक, तापड़, बाग, धर्मशाला, मंदिर आदि आदि पर कवि का भौतिक अधिकार नहीं है लेकिन भावनात्मक, संवेदनात्मक और व्यवहारिक रूप से कवि का इनसे गहरा जुड़ाव है। तभी इतने गहरे से भावों और संवेदना से सनी ये कविताएं कवि के हृदय से प्रस्फुटित हुईं हैं।" डॉ बी. एस. त्यागी ने कहा " प्रस्तुत गद्यात्मक कविताएं कवि के कुछ संस्मरण हैं। इनमें निजी अनुभव हैं इसलिए पठनीयता गजब की है। इसके शब्द जो पश्चिमी उत्तर प्रदे...